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सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण पहल - VIA प्रशिक्षण

 जिला महिला स्वास्थ्य सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत सर्वाइकल कैंसर की प्राथमिक जाँच – विजुअल इंस्पेक्शन विद एसिटिक एसिड (VIA) का प्रशिक्षण इस माह नवम्बर के तीन चरणों में सफलतापूर्वक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में सम्पन्न हुआ। इन प्रशिक्षण सत्रों में जिले के कई महिला चिकित्सकों एवं चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश झा द्वारा विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (CHCs) पर कार्यरत महिला चिकित्सा अधिकारियों एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञों के प्रशिक्षण की योजना बनाई गई। उन्होंने AIIMS गोरखपुर में प्रशिक्षण करवाने हेतु कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता से अनुरोध किया। डॉ. विभा दत्ता के निर्देश पर 3 चरणों में तीन-दिवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, जिन्हें स्त्रीरोग विशेषज्ञ  डॉ. प्रीति बाला और डॉ. प्रीति प्रियदर्शिनी ने संचालित किया। इन सत्रों में कुल 15 महिला डॉक्टरों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया गया।
प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ शिखा सेठ ने बताया कि 17 नवम्बर, विश्व स्तर पर सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस  अवसर पर महिला स्वास्थ्य को बढ़ावा देने हेतु गोरखपुर में एक विशेष  पहल की गई है। हमारे देश में सर्वाइकल स्क्रीनिंग की दर बहुत ही कम है जिसका मुख्य कारण है जागरूकता की कमी। WHO के अनुसार गर्भाशय मुख के कैंसर को ख़त्म करने के लिए जर्रूरी है की सभी ३० वर्ष से अधिक की महिलाओं के सर्वाइकल स्क्रीनिंग कम से कम दो बार ३५ और ४५ वर्ष की उम्र पर की जाय। 
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में कैंसर की समय पर पहचान, विशेषकर सर्वाइकल कैंसर की पूर्व-अवस्था (Premalignant stage) में ही निदान कर उपचार सुनिश्चित करना है। VIA को एक सरल, किफायती और प्राथमिक स्क्रीनिंग पद्धति के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। यह न सिर्फ पूर्व-कैंसर घावों की पहचान में उपयोगी है, बल्कि HPV पॉज़िटिव पाए गए मामलों की फॉलो-अप जाँच के लिए भी प्रभावी है।
प्रशिक्षण में शामिल महिला चिकित्सकों को अब भविष्य में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHOs) तथा अन्य चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य दिया गया है, ताकि यह पहल जिला स्तर पर व्यापक रूप से लागू हो सके। साथ ही, ये प्रशिक्षित चिकित्सक गाँव–गाँव में जाकर जागरूकता अभियान भी चलाएँगी, जिससे महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की नियमित जाँच के प्रति रुचि और जागरूकता बढ़ सके।
एम्स व गोरखपुर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम जिले में महिला स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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