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क्रिटिकॉन 2025 के दूसरे दिन गहन चिकित्सा के क्षेत्र में नये आयामों पर हुई सार्थक चर्चा


गोरखपुर, 4 अक्टूबर। गोरखपुर क्रिटिकल केयर सोसाइटी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन “क्रिटिकॉन 2025” के दूसरे दिन का शुभारंभ आज विभिन्न हॉल्स में वैज्ञानिक सत्रों, पेपर प्रस्तुतियों एवं हैंड्स-ऑन वर्कशॉप्स के साथ हुआ। पूरे दिन देश-विदेश के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने गहन चिकित्सा विज्ञान के ज्वलंत विषयों पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी संयुक्त सचिव डॉ. आदित्य लांबा,चेयरमेन डॉ माहिम मित्तल ,सह चेयरमेन डॉ संतोष कुमार शर्मा ,सचिव डॉ ऐ के मल्ल  ने मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि आज के सत्रों में “Masterly Inactivity in ICU” पर डॉ. राजेश मिश्रा और “How Gattinoni Rewrote ARDS Physiology in Failing Lung” पर डॉ. रणवीर सिंह त्यागी के व्याख्यान सम्मेलन के मुख्य आकर्षण रहे। इन सत्रों में डॉक्टरों को गंभीर अवस्था वाले मरीजों के प्रबंधन के नवीन दृष्टिकोण सिखाए गए।
डॉ. लांबा ने बताया कि आज के दिन Gorakhnath Hall, Gautam Buddha Hall, Baba Raghav Das Hall और Sant Kabir Hall में समानांतर सत्र आयोजित हुए, जिनमें विविध विषयों जैसे —
• ECMO in Resource Limited Settings,
• Scrub Typhus एवं Dengue में ARDS का प्रबंधन,
• Autoimmune Encephalopathy,
• Non-Invasive ICP Monitoring,
• Mannitol vs Hypertonic Saline,
• GBS Management,
• Shock in Pregnancy एवं
• Brain Death Diagnosis जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
विदेशी एवं राष्ट्रीय फैकल्टीज जैसे डॉ. जे.एल. टेबूल (फ्रांस), डॉ. क्रेग एम. कूपर्समिथ (यूएसए), डॉ. स्वगता त्रिपाठी (भारत), डॉ. आदेल मोहम्मद यासिन अलसीसी (मिस्र), डॉ. रामनथन के.आर., डॉ. कपिल बोरवाके और डॉ. अशिष अग्रवाल ने विशेषज्ञ पैनल के रूप में अपने अनुभव साझा किए।
वर्कशॉप और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सत्र
डॉ. लांबा ने बताया कि आज का सबसे आकर्षक भाग ICU हैंड्स-ऑन और मेगाकोड सेशन रहे, जिनमें डॉक्टरों को आपातकालीन स्थितियों के वास्तविक अभ्यास कराए गए।
इन सत्रों में शामिल रहे विषय —
• Obstetric Megacode: गर्भवती मरीज में कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में CPR, इंट्यूबेशन, डिफिब्रिलेशन एवं “4 मिनट रूल ऑफ डिलीवरी” पर व्यावहारिक प्रशिक्षण।
• Toxidrome Megacode: अज्ञात विषाक्तता के मामलों में त्वरित निदान, लवाज़, एंटीडोट्स के प्रयोग एवं एक्स्ट्रा कॉर्पोरियल सपोर्ट की प्रक्रिया।
• Antibiotic Stewardship & Glucose Stewardship: सही दवा, सही डोज़ और सही अवधि के सिद्धांतों पर आधारित प्रशिक्षण, जिससे संक्रमण नियंत्रण और ICU में ग्लूकोज़ प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके।
• ABG & Renal Workshop: एसिड-बेस बैलेंस की समझ, किडनी फंक्शन पैरामीटर की व्याख्या और आरंभिक निदान की व्यावहारिक जानकारी दी गई।

इन वर्कशॉप्स में देशभर से आए युवा चिकित्सकों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई।

अनुभव साझा करने और नई सीख का मंच
डॉ. आदित्य लांबा ने बताया कि “What Did You Learn Today” सत्र में वरिष्ठ विशेषज्ञों जैसे डॉ. अशित हेडगे, डॉ. कपिल ज़िर्पे, डॉ. रमनाथन के.आर., डॉ. स्वगता त्रिपाठी, और डॉ. आदेल यासिन अलसीसी ने पूरे दिन के सत्रों का सार प्रस्तुत किया और प्रतिभागियों को मूल्यवान टिप्स दिए।
वैज्ञानिक संवाद और नेटवर्किंग का संगम
दूसरे दिन की कार्यवाही ने स्पष्ट किया कि क्रिटिकॉन 2025 न केवल एक सम्मेलन है, बल्कि यह एक ऐसा वैज्ञानिक मंच बन चुका है जहाँ विचारों का आदान-प्रदान, अनुभवों की साझेदारी और नई पीढ़ी के डॉक्टरों का मार्गदर्शन एक साथ होता है।

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