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शिव कल्याण दायकम :- राघव ऋषि.


  

गोरखपुर, रवि गुप्ता
     श्री शिव महापुराण संगीतमय कथा के षष्टम दिवस ऋषि सेवा समिति के तत्वाधान में चल रही स्थानीय तारामंडल स्थिति मंगलयान परिसर में कथा का रसपान कराते हुए पूज्य श्री ने कहा की जीवो को यदि अपने कल्याण की कामना हो तो उसे शिव की सानिध्य में आना चाहिए शिव का अर्थ  है कल्याण भगवान शिव समस्त जनों का हर पल हर क्षण कल्याण करते हैं संसार में ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है ऐसा कोई जीव नहीं है जो शिव का ना हो अतः अपने आपको शिव में लगावे आगे की कथा प्रसंग के अनुसार पूज्यश्री ने भगवान शिव की महिमा का गुणगान शिव महापुराण के माध्यम से बताते हुए कहा कि इस समस्त धारा में ऐसा कोई भी स्थान नहीं है कोई भी देश नहीं है जहां शिव के शिवालय शिव के भक्त ना हो अर्थात समग्र जगत ही शिव में है सत्यम शिवम सुंदरम सत्य ही शिव है शिव ही सुंदर है शिव ही जगत परमात्मा है यह अंकित चरितार्थ होता है सदा ही पूज्यश्री ने बताया कि भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग स्वरूप जो भारत के प्रसिद्ध स्थानों में ज्योतिर्लिंग स्वरूप से विद्यमान है इन ज्योतिर्लिंग स्वरूपों के प्रसिद्ध द्वादश ज्योतिर्लिंग जहां-जहां भी स्थापित हैं उस तेज में स्वरूप द्वादश ज्योतिर्लिंग स्वरूप से स्थापित है जिनका दर्शन किसी विशेष भक्तों के आराधना साधना का ही परिणाम है आज संपूर्ण शिव भक्तों की कर रहा है ज्योतिर्लिंग स्वरूपों में सर्वप्रथम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का विशेष वर्णन आता है सोमनाथ  चंद्रमा नाथ अर्थात स्वामी यह ज्योतिर्मय स्वरूप चंद्रमा को मिले श्राप के कारण स्थापित भगवान शिव के को धरती पर आना पड़ा जीव को भी यह जान लेना चाहिए कि किसी भी चीज का अति हट जिताने उसके स्वयं के हित में नहीं है अर्थात वह स्वयं ही अपने दुख हुआ कष्ट का मार्ग प्रशस्त कर लेता है चंद्रमा के मिले श्राप से अपने दुख हुआ कष्ट का मार्ग प्रशस्त कर लेता है चंद्रमा के श्राप से मुक्ति का मार्ग भगवान शिव के मृत्युंजय मंत्र में विद्वान के साथ 10 कोटी मंत्रों का ही एक उपाय मिला जिसे चंद्रमा ने पूर्व पूर्ण श्रद्धा के विश्वास के साथ प्रभास क्षेत्र में भगवान शिव की आराधना को श्राप से मुक्ति का मार्ग शिव को साक्षात दर्शन प्राप्त कर किया चंद्रमा के ही स्थिति से भगवान ने अपने तेज में स्वरूप को उस में स्थापित किया जो आज हम सभी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के रूप में जानते हैं जिसका दर्शन मनुष्य के कुष्ठ रोग आदि से वह कीड़ों से मुक्ति दिलाने वाला है सौरव जी ने शिवजी के नित्य प्रसंग में ओम मंगलम ओमकार मंगलम मोहक भजन सुनाकर भक्तों को भावपूर्ण किया समिति के समस्त साधक व गणमान्य भक्तों ने भव्य आरती की आरती में मुख्य रूप से रमेश सिंह जी रामाधार वर्मा बनवारीलाल निगम सतीश सिंह कन्हैयालाल अग्रवाल विष्णु नंदन द्विवेदी मुन्ना लाल गुप्ता सौरभ गुप्ता रमाशंकर तिवारी देवेंद्र पाठक उदय प्रताप नारायण सिंह रूद्र प्रताप सिंह यू पी एन सिंह एवं निर्मला दुबे रेखा सिंह प्रतिभा द्विवेदी नीलम शुक्ला रमेश राज सिंह बिंदु सिंह एवं अन्य भक्त गण ने मुख्य रूप से भाग लिया उक्त व्यक्ति की जानकारी उक्त विज्ञप्ति की जानकारी कृषि सेवा समिति के मीडिया प्रभारी श्री विनोद कुमार शुक्ल ने दी

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