गोरखपुर, रवि गुप्ता
संगीतमय श्री शिव महापुराण कथा के पंचम दिवस ऋषि सेवा समिति गोरखपुर के तत्वाधान में तारामंडल स्थित मंगलम लान परिसर पर दिव्य रहस्य उद्घाटित करते पूज्यश्री ने बताया कि परमात्मा के सम्मुख जब जीव अपने को नतमस्तक करता है उसी समय पवित्र हो जाता है मन ही ए कैसा है जिसका निर्णय छड़ प्रतिक्षण बदलता है मन को ही संवारने के लिए परमात्मा का सानिध्य आवश्यक है आगे कथा के प्रसंग में पूज्य श्री भगवान शिव के विवाह के पश्चात गणेश जी के पावन चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि भगवती पार्वती ने स्वयं की इच्छा से अपने स्वयं के कार्यों हेतु जिसमें किसी भी प्रकार का अन्य किसी से हस्तक्षेप ना हो ऐसी कामना से अपने शरीर में हाथों से घर्षण कर कुछ मैल कुंज बनाकर अभिमंत्रित जल का शिनचेन किया जिससे तत्क्षण एक सुंदर बालक का पधुर्भाव हुआ जो अत्यंत सुंदर दिव्य आभा से युक्त होकर भगवती के सामने खड़ा हुआ भगवती से आग्रह किया कि मेरा कार्य क्या है तब सर्वप्रथम भगवती जगदंबा ने एक सुंदर मोदक के साथ जो कभी ना समाप्त होने वाला उस बालक के हाथ में दीया साथ ही एक अंकुश के रूप में एक छड़ी दी कि बिना मेरी आज्ञा के कोई भी कैसा भी हो उसे अंदर आने नहीं देना है और भगवती स्नान के लिए अंदर गए उसी समय भगवान शिव का आगमन हुआ जो अंदर जाने के लिए जैसे ही बड़े उस बालक ने द्वार पर ही रोक लिया भगवान ने उसे बताया समझाया फिर भी वह बालक नहीं माना तब भगवान शिव ने क्रोध में आकर उस बालक का मस्तक शरीर से अलग कर दिया जैसे ही यह दृश्य भगवती ने देखा अत्यंत क्रोधित हो उठे जिससे संपूर्ण पृथ्वी एवं देवलोक में हलचल मच गया लगा की प्रलय आने वाला है उनके क्रोध को शांत करने के लिए भगवान शिव ने हाथी का मस्तक लगाकर उन्हें जीवित किया जिनका गणेश नाम रखा सभी देवी ने अपने-अपने स्वेच्छा से शक्तियों से पूर्ण कर सुंदर आसन पर विराजमान कराया वह सर्व सर्व मान्य पद देकर सर्वप्रथम पूजन जुड़वा गुणवती का होना ऐसा आशीर्वाद जो कि बुध के दायक विनायक विघ्न विनायक के रूप में आज भी पूजे जाते हैं समय अनुकूल महाराज गजानन ने भगवान शिव और माता पार्वती की परिक्रमा कर तीनों लोगों का परिक्रमा का पूर्ण लाभ लिया जिससे रिद्धि सिद्धि के साथ शुभ विवाह गणेश जी महाराज का संपन्न हुआ समस्त भक्तों श्रद्धालुओं ने भव्य दर्शन पूजन कर पुण्य का लाभ लिया मेहरा म्हारा प्यारा गजानंद आयो जी मोहक भजन सौरव जी ने सुना भक्तों को भावविभोर किया आरती के अवसर पर श्री रमेश सिंह जी रामाधार वर्मा बनवारी लाल मुन्ना लाल गुप्ता सतीश सिंह कन्हैया लाल अग्रवाल विष्णु नंदन द्विवेदी रमाशंकर त्रिपाठी वीरेंद्र पाठक उदय प्रताप नारायण सिंह रूद्र प्रताप त्रिपाठी कन्हैया लाल अग्रवाल डॉक्टर गोविंद पांडे एवं निर्मला दुबे मंजू सिंह नीलम शुक्ला प्रतिभा द्विवेदीएवं अन्य भक्तों ने आरती के अवसर पर समिति के पदाधिकारी व गणमान्य श्रद्धालुओं ने भव्य आरती संपन्न की ।
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