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योगी नहीं उपयोगी बने :-राघव ऋषि

ऋषि सेवा समिति गोरखपुर के तत्वाधान में चल रहे स्थानीय तारामंडल स्थित  मंगलम लॉन परिसर में श्री शिव महापुराण संगीत में कथा के द्वितीय दिवस  पूज्य राघव ऋषि जी ने दिव्य रहस्य उद्घाटित करते हुए बताया जीवन उपयोगी बनाने की आवश्यकता है योगी  बनाना योगी का आवरण धारण करना उतना कठिन नहीं है जितना कि आचरण ठीक उसी प्रकार योगी  बनाना कठिन नहीं है बल्कि उपयोगी बनना कठिन है अतः उपयोगी अवश्य बने भगवान शिव के 52 शिवलिंग चरित्र का व्याख्या के क्रम में पूज्य श्री ने बताया भगवान शिव का स्वरूप हर जीव के लिए कल्याण दायक है भगवान शिव के स्वरूप में मूलता मूलता दो  स्वरूप का वर्णन है एकलव निर्मल सफल स्वरूप जो हमारे आपके स्वरूप के ही समान सरल स्वरूप है निष्कल स्वरूप जो शिव लिंग के रूप में हम सभी मानते हैं पूछते हैं शिवलिंग भगवान् शिव के आंतरिक स्वरूप का साक्षात विग्रह जिसका सर्वाधिक पूजन अर्चन कर संसार के समस्त सुख व भोग प्राप्त कर लेता है साथ ही नारद जी के पावन प्रसंग का वर्णन करते बताया कि कभी-कभी भगवान के भक्तों को भी मुंह के कारण वश आन कार हो जाता है जिसके फलस्वरूप जिन्होंने काम पर विश्वास की कीर्ति को भगवान के भी बताया जब अंकारा जाता है तो उस आकार का विनाश भगवान भक्तों के भटकाव का हरण करने के लिए अवश्य करते हैं कथा की बात में शंकर बाबा अरुण मोरी पीरा मोहन भजन सौरव जी ने सबर करा भक्तों को भावविभोर किया कथा की आरती के अवसर पर समिति के गणमान्य पदाधिकारी साधक गण शादी का एवं साधक श्री रामाधार वर्मा मुन्ना लाल गुप्ता विष्णु नंदन द्विवेदी सतीश सिंह वीरेंद्र पाठक विनोद शुक्ला कन्हैयालाल अग्रवाल सौरभ रुंगटा निर्मला दुबे इंदु दुबे नीलम शुक्ला प्रतिभा द्विवेदी मंजू सिंह बिंदु सिंह एवं अन्य साधक गण शादी का गण व नगर के वरिष्ठ भक्तों श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की भावपूर्ण आरती कर पुष्प का लाभ अर्जित किया । 

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