गोरखपुर ,रवि गुप्ता
भारतीय रेलवे मजदूर संघ के मध्य क्षेत्र के यूनियनों एवं उत्पादन इकाइयों की दो दिवसीय सम्मेलन 30 एवं 31 जुलाई 2022 को पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ द्वारा डेयरी कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में प्रातः 10:30 बजे से प्रारंभ हुआ, ,इससे सम्मेलन में उत्तर रेलवे ,उत्तर मध्य रेलवे ,पूर्वोत्तर रेलवे,पूर्व मध्य रेलवे, बनारस लोकोमोटिव कारखाना ,डी.एम.डब्ल्यू पटियाला ,आर,.सी.एफ कपूरथला ,एम.सी.एफ रायबरेली ,एवं आर डी.एस.ओ लखनऊ से पदाधिकारी एवम कार्यकर्ता उपस्थित हुए, कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय मंत्री श्री अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि सरकारी एवम सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों को एक गलत रणनीति के तहतआउटसोर्स ,मुद्रीकरण ,निजीकरण की योजना बनाई गई है जो कि वर्तमान समय में समाज के ऊपर कुप्रभाव डाल रहा है आज सरकारी सार्वजनिक क्षेत्रों में काम करने वाले ठेका, संविदा कर्मचारियों का वेतन उसी पद पर काम करने वाले स्थाई कर्मचारियों से अत्यधिक कम है उन्हें जो वेतन मिलता है उस वेतन के आधार पर वह अपना जीवन यापन कभी नहीं कर सकते हैं इन तमाम विषयों को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि स्थाई पदों पर काम करने वाले ठेका या संविदा कर्मचारियों को उस पद के लिए बनाए गए वेतन एवं सुविधा का भुगतान किया जाना चाहिए परंतु रेलवे में रेल प्रिंसिपल नियोक्ता है इस नाते उसकी जिम्मेदारी बनती है कि संविदा एवं ठेका कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारियों के बराबर उस काम के लिए वेतन का भुगतान कराया जाए एवं यह भी नीति बनाना आवश्यक है कि कोई पद कितने दिन तक संविदा में रखा जाएगा विडंबना यह है कि आउट सोर्स के नाम पर स्थाई पदों को सरेंडर करके आउट सोर्सिंग किया जाता है,आज ऐसी परिस्थिति में भारतीय मजदूर संघ ने यह तय किया है कि हम इस आउट सोर्स और प्राइवेटाइजेशन संविदा एवं जो सरकारी क्षेत्र की बिक्री की जो योजना बनाई जा रही है उसके विरुद्ध एक विराट आन्दोलन की तैयारी करें इसी क्रम में आगामी 17 नवंबर 2022 को दिल्ली में सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र बचाओ धरना-प्रदर्शन का आयोजन कर्मचारी एवं इस देश के युवाओं के साथ किया जायेगा।
सम्मेलन में विचार विमर्श के बाद यह निर्णय हुआ कि भारत सरकार को यह चाहिए कि स्थाई नेचर के कार्य के उपर जो भी ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं उन्हें स्थाई नेचर काम का भुगतान किया जाना चाहिए तथा उनका स्थायीकरण हो इसकी भी पूर्णरूप से व्यवस्था किया जाना चाहिए।
सार्वजनिक और सरकारी उपक्रमों के बिक्री, निजीकरण पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।
आउटसोर्स संविदा कर्माचारियों को उस क्षेत्र में काम करने वाले यूनियन का सदस्य बनने का अधिकार दिया जाना चाहिए ताकि उनके समस्याओं को प्रमुख नियोक्ता रेल के समक्ष रख सके।
बनारस रेलवे स्टेशन को पूर्वोत्तर रेलवे के अधीन ट्रेन संचालन एवं लोडिंग अनलोडिंग के लिए दिया जाये।
रात्रि ड्यूटी भत्ता कर्मचारियों के वास्तविक मूल वेतन पर बिना किसी वेतन सीलिंग के दिया जाए।
नये पेंशन योजना को समाप्त कर सभी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना तत्काल लागू किया जाए जिससे कि रेल एवं सरकारी क्षेत्रों में औद्योगिक शांति बनाये रखने में असुविधा ना हो।
कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट उनके पर्यवेक्षक एवं अधिकारियों के द्वारा लिखा जाता है सम्मेलन में इस बात को रखा गया कि पर्यवेक्षक एवं अधिकारियों की गोपनीय रिपोर्ट लिखते समय 360डिग्री मूल्यांकन पद्धति अपनाते हुए कर्मचारियों से भी उनके कार्य एवं व्यवहार के सम्बन्ध रिपोर्ट लिया जाए ।कोरोना के समय मंहगाई भत्तों को इस कारण फ्रीज किया गया कि उस समय देश की आर्थिक स्थित ठीक नहीं थी अब सरकार के अनुसार देश की आर्थिक स्थिति में मजबूती आयी है इसलिए फ्रीज डी ए एरियर का भुगतान किया जाए एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को रुपए 5000 कम से कम चिकित्सा भत्ता दिया जाए।
भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय मंत्री अशोक कुमार शुक्ला/ दिल्ली ,श्री मंगेश देश पांडे अखिल भारतीय महामंत्री मुंबई, श्री राधाबल्लभ अखिल भारतीय संगठन मंत्री बनारस, श्री काली कुमार दिल्ली सहित कपूरथला पटियाला, पूर्वोत्तर रेलवे श्रमिक संघ के विश्वेश्वर राय, जे पी, गुप्ता, बजरंगी दूबे, संजय त्रिपाठी, रवींद्र कुमार पांडेय, रीता मिश्रा, कामेश्वर दूबे ,सुरेंद्र कुमार यादव फिरोजपुर, अम्बाला, दिल्ली, मुरादाबाद, लखनऊ, आगरा, झांसी, प्रयागराज, डी यल डव्लू बनारस, इज्जतनगर, लखनऊ पूर्वोत्तर रेलवे, दीनदयाल उपाध्याय (मुगलसराय) ,दानापुर, समस्तीपुर, हाजीपुर, सोनपुर के संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।
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