आजमगढ़ जनपद के अतरौलिया विधानसभा क्षेत्र बसई ग्राम सभा में फूलन देवी की शहादत दिवस के अवसर पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और आजमगढ़ मंडल प्रभारी डॉ विनोद सम्राट के निर्देशन में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें बहुत बड़ी संख्या में मल्लाह समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया और स्वर्गीय फूलन देवी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया ।
सभा को संबोधित करते हुए डॉ विनोद सम्राट ने कहा कि वीरांगना फूलन देवी ने अपने जीवन काल में कठिन संघर्ष से जुल्म करने वालों से लोहा लेते हुए खुद पर हुए जुल्म के खिलाफ हथियार उठाया और अपना बदला लिया ।
यद्यपि उन्होंने अत्याचारियो से बदला लेने के लिए हथियार उठाया मगर फिर भी भारत के संविधान के सम्मान में आत्मसमर्पण करते हुए लोकतंत्र का रास्ता चुना और मिर्जापुर लोकसभा से
चुनाव लड़ सांसद बन कर के पार्लियामेंट में पहुंची । आज हमारी माताएं और बहनें फूलन देवी के शहादत को याद करके भाव विभोर हो रही है ।
उन्होंने आगे कहा कि
जल जमीन और जंगल के मालिकों में से एक बहादुर बलिदानी देशभक्त जनजाति मल्लाह / केवटों ने ब्रिटिश
हुकूमत की ईट से ईट बजा दी थी। विदेशी आक्रांता ओं के समक्ष न झुके और न रुके। आजादी के इन
रणबांकुरों का सनातन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन में भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। महाभारत एवं रामायण में
केवट जनजाति की गौरवशाली गाथायें समाहित हैं। अनवरत ब्रिटिश विद्रोह के कारण अंग्रेजी शासन के दौरान इनको जन्मजात अपराधी जनजाति घोषित कर दिया गया था। भारत सरकार ने इनको अंग्रेजों के कालेकानून से
विमुक्त कर दिया लेकिन इन के हालात बद से बदतर आज भी हैं। समय के साथ उनका पुश्तैनी पेशा फायदेमंद न
रह सका। गरीबी जिनके हौसलों को पस्त ना कर सकी। समुदाय के बागी और जुझारू तेवर तथाकथि त सामंती
लोगों को रास ना आ सका। ऐसे स्वाभिमानी समुदाय में वीरांगना फूलन देवी ने जन्म लिया जिसके संघर्ष और
बलि दान को पूरा वि श्व जानता है। आज फूलन देवी की कुर्बानी बेकार नहीं गई । उन्हीं के कारण आज मल्लाह की लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं और दबंग लोग मल्लाह की बहू बेटियों पर नजर घर आने से डरते हैं ।
कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला अध्यक्ष ,तहसील अध्यक्ष ,ब्लॉक अध्यक्ष समेत अनेक कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।
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