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निदेशक मंडल को तत्काल बर्खास्त कर प्रशासक नियुक्त करे और नये चुनाव की घोषणा करें:- PRKS

  पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री विनोद कुमार राय एवं प्रवक्ता ए के सिंह ने बताया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने दी एन ई एण्ड ई सी रेलवे इम्पलाइज मल्टी स्टेट प्राइमरी कोआपरेटिव बैंक लि गोरखपुर के सचिव/ मुख्य कार्यकारी अधिकारी को निर्देशित किया है कि बैंककारी विनिमय अधिनियम 1949 के आलोक में 30 दिन के अंदर रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के आलोक में एक एक्शन प्लान तैयार करें और उनके पत्र में दिए गए निर्देशों का बिन्दुवार उत्तर दे।
विनोद कुमार राय ने बताया कि एपेक्स बैंक द्वारा यह निर्देश दि 31 मार्च 2021की निरीक्षण रिपोर्ट पर आधारित है।
संघ के संयुक्त महामंत्री एवं प्रवक्ता ए के सिंह ने बताया कि दी एन ई एण्ड ई सी रेलवे इम्पलाइज मल्टी स्टेट प्राइमरी कोआपरेटिव बैंक लि गोरखपुर में व्याप्त तमाम वित्तीय, प्रशासनिक एवं निर्वाचन संबंधी अनियमितताओं की ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, केन्द्रीय निबंधक सहकारिता,और रेलवे बोर्ड का ध्यान , पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ आकृष्ट करता रहा है और इन्ही अनियमितताओं के चलते रिजर्व बैंक ने इस बैंक पर बीस लाख का जुर्माना भी लगाया था।
नेताओं ने बताया कि रिजर्व बैंक ने पाया है कि लोन के खाते सुव्यवस्थित नहीं और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि शत् प्रतिशत तथा सुनिश्चित वसूली वाले बैंक में ऋण एन पी ए कैसे है।
एन पी ए के विषय पर आशंका जाहिर करते हुए वित्तीय मामलों के जानकार और संघ के कोषाध्यक्ष मनोज कुमार द्विवेदी का कहना है, कि यह मामला फर्जी रेल कर्मचारियों के नाम पर लोन देने से संबंधित है, इसकी ठीक से जांच होने पर बडा वित्तीय घोटाला सामने आएगा।
ए के सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने अपने 6 मई 2022 के पत्र में यह निर्देश जारी किया है कि जब तक क्रैडिट एवं डिपाजिट रेश्यो 65-70% न हो जाए तब तक ऋण वितरण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाती है क्यों बैंक के इस अनुपात में बहुत अंतर है।
उन्होंने बताया है कि रिजर्व बैंक ने उन जमानत दारो और गवाहों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने एन पी ए के खातेदारों के ऋण आवेदन पर हस्ताक्षर किए हैं और साथ ही साथ प्रशासनिक खर्च में भी कटौती करने का निर्देश दिया है, इस बैंक का प्रशासनिक व्यय 2 से ढाई प्रतिशत की जगह लगभग 11% है ।
ए के सिंह ने कहा कि रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह बैंक एक निर्धारित सीमा से अधिक धन ऋण के रूप में अंशधारकों को नहीं दे सकता है, इस संबंध में पीआर केएस के महामंत्री विनोद कुमार राय ने भारतीय रिजर्व बैंक को बताया था कि 10% कमीशन ले कर ग्रुप डी के कर्मचारियों को आठ लाख रुपए का ऋण स्वीकृत कर दिया जाता है, जितनी प्रतिमाह किश्तों की अदायगी है उतना तो कर्मचारी का वेतन ही नहीं बनता है इसीलिए यह सख्त निर्देश जारी किया गया है ।
उन्होंने बताया कि बैंक ने यह सारी कवायद बैंकिंग रेगुलेशन नियमावली की धारा 36 (1) के अंतर्गत किया है जिसमें किसी भी बैंक के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का प्राविधान है।
विनोद कुमार राय ने सहकारिता एवं रेल मंत्री भारत सरकार से मांग किया है रिजर्व बैंक के निरिक्षण के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी भारत सरकार को निर्देश दें कि इसके निदेशक मंडल को तत्काल बर्खास्त कर प्रशासक नियुक्त करे और नये चुनाव की घोषणा करें।


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