कुछ लोगों द्वारा जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हिंदू-मुस्लिम को लड़ाने का बार-बार आरोप लगाया जाता है वही अक्सर आर एस एस के कार्यकर्ताओं द्वारा ऐसे कार्यों को करते हुए देखा जाता है जिससे आदमी सोचने पर मजबूर हो जाता है कि सत्य क्या है ।
वैसे तो कहा जाता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को थोड़ा बहुत वही समझ सकता है जो शाखा पर उपस्थित होकर उनकी कार्यशैली को जाने और इस बात में सच्चाई भी दिखती है क्योंकि आर एस एस हमेशा समाज के असहाय लोगों की सहायता करते हुए दिखता है, यह बात और है कि वह मीडिया से दूर रह कर अपने सारे कार्य करते हैं ।
ऐसा ही एक नजारा गोरखपुर के सहारा स्टेट स्थित भारत शाखा में अक्सर दिखाई देता है, जहां भरत शाखा के कार्यकर्ता अक्सर वंचित वर्ग के लोगों को ,जो कि किसी कारणवश बेरोजगार हैं ,उनको अनाज और बच्चों को पढ़ने के लिए किताब पेंसिल आदि वितरित करते हुए दिखाई देते हैं।
भरत शाखा में पितामह कहे जाने वाले विद्याभूषण नामक समर्थित स्वयंसेवक द्वारा और उनके निर्देशन में यह सारे कार्य होते हैं ।
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