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एम्स गोरखपुर में कॉग्निटिव हार्मोनी प्रोग्राम पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) गोरखपुर के सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग द्वारा जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण, गोरखपुर एवं उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के सहयोग से आज 35 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) के लिए कॉग्निटिव हार्मोनी प्रोग्राम पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की इंटरमीडिएट ग्रांट योजना के अंतर्गत प्रोजेक्ट मेध्यवृद्धि का हिस्सा है।
कार्यक्रम का उद्घाटन मेजर जनरल (डॉ) विभा दत्ता, एसएम (सेवानिवृत्त), कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ, एआईआईएमएस गोरखपुर ने मुख्य अतिथि के रूप में किया। डॉ. राजेश झा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, गोरखपुर ने विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. आनंद मोहन दीक्षित, डीन रिसर्च एवं विभागाध्यक्ष, सामुदायिक एवं परिवार चिकित्सा विभाग, डॉ. शिखा सेठ, डीन स्टूडेंट अफेयर्स, डॉ. मनोज सौरभ, डीन एग्ज़ामिनेशन, और डॉ. यू. वेंकटेश, प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, प्रोजेक्ट मेध्यवृद्धि उपस्थित रहे।
कॉग्निटिव हार्मोनी प्रोग्राम का उद्देश्य सोचने, सीखने और याद रखने की क्षमताओं में सामंजस्य बनाए रखना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से सीएचओ को गांवों में निवारक और स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियों का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया जाएगा, जिससे 175–200 गांवों तक पहुंच बनाई जाएगी और लगभग 2 लाख लोगों को लाभ पहुंचेगा।
दो दिवसीय प्रशिक्षण के मुख्य विषय
कॉग्निटिव हेल्थ हेतु योग एवं शारीरिक गतिविधि
आईसीएमआर-एनआईएन दिशानिर्देशों के अनुसार पोषण एवं विटामिन अनुपूरण
उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं अन्य पुरानी बीमारियों का प्रबंधन
मानसिक शांति और मूड सुधार हेतु संगीत आधारित थेरेपी
खेल और पहेलियों के माध्यम से कॉग्निटिव गतिविधियां
नशा मुक्ति एवं नींद स्वच्छता पर परामर्श
सामाजिक स्वास्थ्य संवर्धन
कार्यक्रम के लिए प्रलेखन और मॉनिटरिंग
विशेष पुस्तिका का विमोचन


कार्यक्रम में विशेष ‘कॉग्निटिव हेल्थ हैंडबुक’ का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तिका सीएचओ के लिए आसान भाषा में तैयार की गई है, जिसमें दैनिक गतिविधि चार्ट, पोषण योजनाएं, योग एवं प्राणायाम विधियां, कॉग्निटिव गेम्स, और समुदाय को जोड़ने की रणनीतियां शामिल हैं।
यह पुस्तिका सीएचओ को प्रशिक्षण सामग्री को तुरंत याद करने, अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू करने और आयुष्मान आरोग्य मंदिर में समुदाय की भागीदारी बनाए रखने में मदद करेगी।
मेजर जनरल (डॉ) विभा दत्ता ने कहा, “कॉग्निटिव हेल्थ समग्र स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर अनदेखा किया जाने वाला पहलू है। यह प्रशिक्षण और पुस्तिका, दोनों, सीएचओ को मस्तिष्क स्वास्थ्य को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में प्रमुख स्थान दिलाने के लिए सशक्त बनाएंगे।”
डॉ. राजेश झा ने कहा, “एआईआईएमएस गोरखपुर, जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण और राज्य सरकार का यह सहयोग ग्रामीण समुदायों तक कॉग्निटिव हेल्थ जागरूकता और प्रमाण-आधारित हस्तक्षेप पहुंचाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
डॉ. आनंद मोहन दीक्षित ने कहा, “यह पुस्तिका सीएचओ के लिए एक कार्यस्थलीय मार्गदर्शक होगी, जिससे वे योग, पोषण, रोग प्रबंधन, संगीत चिकित्सा और सामाजिक सहभागिता को अपनी दैनिक सेवाओं में शामिल कर सकेंगे।”
डॉ. यू. वेंकटेश ने कहा, “प्रोजेक्ट मेध्यवृद्धि सिर्फ एक शोध परियोजना नहीं है, बल्कि एक व्यावहारिक, समुदाय-केंद्रित कार्यक्रम है। अब तक 1,800 व्यक्तियों की पहचान संज्ञानात्मक क्षमता में कमी के साथ की गई है, और हम अगले एक वर्ष में लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से उनकी सोचने, सीखने और याद रखने की क्षमता में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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