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एआईआईएमएस गोरखपुर में यलो फीवर टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन


गोरखपुर: आज **एआईआईएमएस गोरखपुर** में **यलो फीवर टीकाकरण केंद्र** का उद्घाटन संस्थान की कार्यकारी निदेशक **मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता** द्वारा किया गया। इसके साथ ही, एआईआईएमएस गोरखपुर उत्तर प्रदेश का **दूसरा यलो फीवर टीकाकरण केंद्र** बन गया है, जहां यह सेवा उपलब्ध होगी। इससे पहले, राज्य में केवल **केजीएमयू लखनऊ** में ही यह सुविधा थी, और टीकाकरण के लिए लोगों को लखनऊ या एआईआईएमएस पटना तक यात्रा करनी पड़ती थी।  

गोरखपुर और आसपास के क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या अधिक होने के कारण, इस केंद्र की स्थापना से **यात्रियों का समय और खर्च दोनों की बचत होगी**। टीकाकरण की सुविधा सप्ताह में **दो दिन (मंगलवार और शुक्रवार)** को **आयुष ब्लॉक** में प्रदान की जाएगी और यह **भुगतान-आधारित** सेवा होगी। टीकाकरण के लिए **पूर्व नियुक्ति (प्रायर अपॉइंटमेंट)** लेना अनिवार्य होगा, जो **एकेडमिक ब्लॉक के द्वितीय तल पर स्थित सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग** में किया जा सकता है।  
इस अवसर पर **डॉ. विभा दत्ता** ने सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग को **यलो फीवर टीकाकरण केंद्र की स्थापना हेतु बधाई दी** और इसे जनस्वास्थ्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।  

### **यलो फीवर: एक घातक बीमारी, लेकिन वैक्सीन से बचाव संभव**  
कार्यक्रम में उपस्थित **यलो फीवर टीकाकरण केंद्र के नोडल अधिकारी और विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मोहन दीक्षित** ने बताया कि **यलो फीवर एक वायरल संक्रमण** है, जो मुख्य रूप से **एडीज मच्छरों** द्वारा फैलता है। यह बीमारी **अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के 43 देशों** में अधिक पाई जाती है और इससे संक्रमित व्यक्ति को गंभीर बुखार, लिवर डैमेज, रक्तस्राव विकार जैसी जटिलताएं हो सकती हैं। कई मामलों में यह घातक भी साबित हो सकती है।  

हालांकि, भारत में फिलहाल यलो फीवर मौजूद नहीं है, लेकिन यहां की जलवायु परिस्थितियाँ इस बीमारी के प्रसार के लिए अनुकूल हैं। इसी कारण, उन देशों की यात्रा करने से पहले यह टीका अनिवार्य किया गया है जहां यह बीमारी आम है।  

डॉ. दीक्षित ने यह भी बताया कि यलो फीवर का टीका सुरक्षित और प्रभावी है और सिर्फ एक खुराक (सिंगल डोज) से आजीवन रोग प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त हो जाती है। इसलिए, यात्रियों को सिर्फ  एक बार यह टीका लगवाना जरूरी  होता है।  

इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय भारती, डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. शिखा सेठ, आरएमआरसी गोरखपुर के निदेशक, सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. हरिशंकर जोशी, डॉ. अनिल आर. कोपारकर, डॉ. प्रदीप खारिया  सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।  


एआईआईएमएस गोरखपुर में यलो फीवर टीकाकरण केंद्र की स्थापना अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए राहत का विषय है। अब उन्हें लखनऊ या पटना जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे गोरखपुर में ही यह  अनिवार्य टीकाकरण करा सकेंगे। इस कदम से  संक्रमण के प्रसार को रोकने और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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