Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

Responsive Advertisement

इंडस्ट्री की डिमांड पर तैयार होगे स्किल इंजीनियर


गोरखपुर। राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट), इलेकट्रानिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, के अन्तर्गत एक संस्था है। नाइलिट को विशिष्ट श्रेणी के अंतर्गत डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है, इसके साथ ही नाइलिट गोरखपुर, नाइलिट डीम्ड विश्वविद्यालय के घटक परिसरों में से एक बन गया है। नाइलिट इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत एकमात्र डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय है। इसका मुख्य परिसर रोपड़ में है, और अन्य 11 घटक केंद्र अगरतला, आइजोल, अजमेर, औरंगाबाद, कालीकट, इंफाल, ईटानगर, कोहिमा, गोरखपुर, पटना और श्रीनगर में हैं।

राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स कार्यक्रम पेश कर रही है जो अनुसंधान और उद्योग-प्रासंगिक हैं। विश्वविद्यालय अपने 11 घटक केंद्रों में डॉक्टरेट, स्नातकोत्तर, स्नातक और डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी प्रदान कर रहा है। पीएचडी कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च स्तरीय अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना है।

नाइलिट गोरखपुर के अपने दौरे के दौरान महानिदेशक और माननीय कुलपति डॉ. मदन मोहन त्रिपाठी ने मीडिया को जानकारी दी और कहा कि विश्वविद्यालय उन्नत और उभरते क्षेत्रों में स्नातक, स्रातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रम प्रदान कर रहा है, जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा और फोरेंसिक, बायोइनफॉरमैटिक्स और भी बहुत कोर्स जो की इंडस्ट्री 4.0 की जरूरतों के हिसाब से डिज़ाइन किये गये हैं। उन्होंने बताया की एक डीम्ड विश्वविद्यालय के रूप में, NIELIT को अब उद्योग और समाज की उभरती जरूरतों को पूरा करने वाले अभिनव कार्यक्रमों को डिजाइन करने और लागू करने में बढ़ी हुई स्वायत्तता और लचीलापन प्राप्त है। यह उन्नत दर्जा अग्रणी शैक्षणिक संस्थानों और उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग का मार्ग प्रशस्त करता है, सीखने और शोध के एक जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देता है जबकि प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में अपने स्नातकों की रोजगार संभावनाओं को भी बढ़ाता है। NIELIT पहले से ही IECT क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अभिनव समाधानों के माध्यम से सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रमों को उद्योग जगत के विशेषज्ञों के सहयोग से सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र बाजार की मांगों के अनुरूप कौशल हासिल करें और पहले दिन से ही नौकरी के लिए तैयार हो सकें। नाइलिट गोरखपुर में बी.टेक. और एम.टेक. कार्यक्रम शुरू होने से आस-पास के क्षेत्रों के छात्रों को सर्वोत्तम तकनीकी शिक्षा मिलेगी और वे उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार नौकरी के लिए तैयार हो सकेंगे।

सभी कार्यक्रम समकालीन चुनौतियों का समाधान करने और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दशति हैं। निकट भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में और अधिक विशिष्ट कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। नाइलिट गोरखपुर को नाइलिट डीम्ड-टू-

बी विश्वविद्यालय में शामिल करने से क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा के मानकों को ऊपर उठाकर एक व्यापक प्रभाव पैदा होने तथा क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलने की आशा है।

नाइलिट डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और संबंधित क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाना है। यह कदम विशिष्ट संस्थानों को बड़े शैक्षणिक ढाँचों में एकीकृत करने के व्यापक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है, जिसका उद्देश्य व्यापक विकास और नवाचार है।

नाइलिट डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जो शिक्षा में पहुंच, लचीलेपन और उद्योग प्रासंगिकता पर जोर देती है। विश्वविद्यालय एक मजबूत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र के माध्यम से एक लचीला, छात्र-केंद्रित शिक्षण वातावरण प्रदान करता है। इसमें वर्चुअल लैब, इमर्सिव कंटेंट और एआई-संचालित व्यक्तिगत शिक्षण समाधान जैसी सुविधाएँ शामिल हैं, जो देश भर के छात्रों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करती हैं। संस्था का मिशन डिजिटल डिवाइड को पाटना है, टियर-2 और टियर-3 शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना और यह सुनिश्चित करना है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सबसे दूरदराज के क्षेत्रों तक भी पहुंचे।

इस अवसर पर नाइलिट गोरखपुर के निदेशक डॉ. डी. के. मिश्रा ने कहा कि गोरखपुर परिसर में आगामी सत्र से इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी तथा वीएलएसआई डिजाइन में एम.टेक. पाठ्यक्रम एवं दो बी.टेक के पाठ्यक्रम Electronics & Communication and Engineering with minor in wearable Electronics और Computer Science and Engineering with minor in AI & ML शामिल हैं। भविष्य में ऐसे और भी कार्यक्रम शुरू किये जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि एम.टेक और बी.टेक पाठ्यक्रम छात्रों को उद्योग के लिए तैयार करने के लिए अत्याधुनिक ज्ञान और कौशल प्रदान करेंगे।


Post a Comment

0 Comments