गोरखपुर, 3 अक्टूबर 2025।
पूर्वांचल के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य जगत के दिग्गज विशेषज्ञों का विराट संगम CRITICON 2025 सम्मेलन के रूप में गोरखपुर में आरंभ हुआ। पहले दिन की शुरुआत युवा चिकित्सकों द्वारा किए गए शोधपत्र प्रस्तुतिकरण से हुई, जिसे देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने सराहा।
सम्मेलन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ माननीय मंत्री श्री कमलेश पासवान जी, सांसद एवं प्रसिद्ध अभिनेता श्री रवि किशन शुक्ला जी, विधायक बांसगांव डॉ. विमलेश पासवान जी, डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, आयोजन समिति अध्यक्ष डॉ. महिम मित्तल, सह-अध्यक्ष डॉ. संतोष शर्मा (एचओडी एनेस्थीसिया, एम्स), सचिव डॉ. ए. के. मल्ल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राम कुमार, डॉ. आशीष अग्रवाल (अध्यक्ष ISCCM उत्तर प्रदेश), World federation of intensive and critical care के प्रेसिडेंट एलेक्ट डॉ. जेवियर फर्नांडेस, डॉ. ए. के. सिंह तथा संरक्षक डॉ. राजेश मिश्रा की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
मंच संचालन डॉ. प्रियंका द्विवेदी (एसोशिएट प्रोफेसर एम्स) द्वारा किया गया तथा अतिथियों का स्वागत डॉ. संतोष शर्मा (एचओडी एनेस्थीसिया, एम्स) ने किया।
अतिथियों ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह सम्मेलन पूर्वांचल में पहली बार ऐसा ऐतिहासिक अवसर है, जब भारत सहित अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, पोलैंड, जर्मनी, सऊदी अरब, बांग्लादेश और यूएई से स्वास्थ्य विशेषज्ञ एक ही मंच पर एकत्र हुए हैं।
इस अवसर पर 800 से अधिक प्रतिनिधियों, फैकल्टी और वक्ताओं ने भाग लिया। पहले दिन पेपर प्रेज़ेंटेशन, वर्कशॉप, स्किल स्टेशन और टॉक्स आयोजित हुए।
• डॉ हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग के जनक – डॉ. जे. एल. टेबूल का व्याख्यान
CRITICON 2025 के पहले दिन का सबसे बड़ा आकर्षण विश्वप्रसिद्ध विशेषज्ञ एवं हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग के पायनियर डॉ. जे. एल. टेबूल का व्याख्यान रहा। उन्होंने इनोट्रॉप वी닝 एवं मॉनिटरिंग पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग क्या है?
गंभीर रोगियों (क्रिटिकल केयर) में हृदय और रक्त प्रवाह की गतिविधियों पर सतत निगरानी को हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग कहा जाता है। इसके माध्यम से चिकित्सक रोगी के हृदय की पंपिंग क्षमता, रक्तचाप, ऑक्सीजन आपूर्ति और अंगों तक रक्त प्रवाह को समझते हैं। इस तकनीक से डॉक्टर यह तय कर पाते हैं कि कब और कितना दवा (जैसे इनोट्रॉप) कम या ज्यादा करनी है, ताकि रोगी को सुरक्षित और सटीक इलाज मिल सके।
डॉ. टेबूल ने कहा –
“गंभीर मरीज की जान बचाने के लिए समय पर सही निर्णय लेना सबसे अहम है और हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग इसमें डॉक्टरों की आंख और कान का काम करती है।”
उनका यह व्याख्यान युवा चिकित्सकों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के लिए अत्यंत शिक्षाप्रद एवं ऐतिहासिक रहा।
• डॉ. अशरफ एल-हौफी ने रेस्पिरेटरी इलनेस में एंटीबायोटिक डि-एस्केलेशन/एस्केलेशन पर विचार रखे।
• डॉ. सुमारा तंत्रे ने डिफिकल्ट एयरवे मैनेजमेंट पर चर्चा की।
• डॉ. जोस चाको ने आधुनिक गहन चिकित्सा तकनीकों पर व्याख्यान दिया।
व कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रिय चिकित्सों ने मंच पर विचारों का आदान प्रदान किया I
वर्कशॉप में ECMO, हेमोडायनामिक मॉनिटरिंग और ब्रॉन्कोस्कोपी पर विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के अंत में सचिव डॉ. ए. के. मल्ल ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
CRITICON 2025 का यह पहला दिन पूर्वांचल के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ और स्वास्थ्य जगत में नई दिशा प्रदान करने वाला रहा।
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