"भारत रत्न" पूर्व राष्ट्रपति डा० सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिवस व शिक्षक दिवस के अवसर पर जिला कारागार गोरखपुर में साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी की उद्घोषिका एवं जेल विजिटर श्रीमती अमृताधीर मेहरोत्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ जेल अधीक्षक द्वारा कारागार में निरूद्ध बन्दियों के उद्बोधन से शुरू किया गया। जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि बच्चों के लिए प्रथम गुरू माता-पिता होते है तथा गुरू की कृपा से ही शिष्य अज्ञान से आत्मबोध, अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होता है। गुरु ही है जो शिष्य को चलना, गिरने पर उठाना और आगे बढने की ताकत देता है। जेलर अरूण कुमार कुशवाहा ने अपने सम्बोधन में कहा कि मनुष्य को किताबों की जरूरत ज्ञान के लिये आवश्यक है परन्तु संस्कार भी होना चाहिए जिससे वह काबिल बन सके। ज्ञान एवं काबिलियत ऐसा शस्त्र है जो मनुष्य को समाज में उँचा स्थान मान, सम्मान दिलाता है। विभिन्न बन्दियों क्रमशः पप्पू राय, अमर सिंह, मिर्जा गुलरेज व शशांक पाण्डेय ने कार्यक्रम में अपने-अपने कला कौशल का प्रस्तुतिकरण किया। प्रस्तुतिकरण करने वाले बन्दियों को जेल अधीक्षक द्वारा टी-शर्ट उपहार देकर उनका हौसला बढाया। एशियन सहयोगी संस्था के बाबी ने गुरू/शिक्षक के सम्मान में गीत सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया।
इस अवसर पर जेल अधीक्षक डी. के पाण्डेय एवं जेलर अरूण कुमार कुशवाहा, डिप्टी जेलर विजय कुमार, आदित्य कुमार जायसवाल, कारागार शिक्षक श्री राजीव चौरसिया व अन्य कारागार कर्मी उपस्थित रहें।
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