दिनांक8/4/2023 दिन शनिवार को गोरक्षनाथ मंदिर में अखिल भारतीय विद्वत महासभा का व्रत एवं त्योहार सूची का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। अखिल भारतीय विद्वत महासभा के मुख्य प्रवक्ता डॉ धनेश मणि त्रिपाठी ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारे व्रत एवं त्यौहार प्रायः अलग अलग तिथियों में मनाये जा रहें हैं , जिससे सभी के मन में भ्रम कि स्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसे में अखिल भारतीय विद्वत महासभा द्वारा प्रकाशित यह व्रत पर्व एवं त्यौहार सूची का प्रकाशन एक सराहनीय प्रयास है। सभा की अध्यक्षता कर रहे डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने कहा कि अखिल भारतीय विद्वत महासभा भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति कि सुरक्षा एवं संवर्धन करने का प्रयास कर रही है जो अत्यंत ही सराहनीय है। संस्था के कोषाध्यक्ष पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र ने कहा कि यह व्रत, पर्व की सूची समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
इस दौरान विद्वत महासभा के विद्वानों द्वारा आचार्य कृष्ण कुमार मिश्र को अखिल भारतीय विद्वत महासभा का महामंत्री चुना गया। महामंत्री बनने पर कृष्ण कुमार मिश्र ने बताया कि अखिल भारतीय विद्वत महासभा जिस प्रकार निस्वार्थ भाव से लोकहित के कार्यों में जुड़ी है उसके लिए संस्था बधाई की पात्र है।हमारे ग्रंथों में श्रीमद्भागवत, श्री विष्णुपुराण, वायुपुराण, अग्निपुराण, भविष्यपुराण, धर्मसिन्धु, निर्णयसिंन्धु आदि में पर्वों के निर्धारण के लिए बहुत से नियम दिए हैं,जिन्हें ध्यान में रखकर ही किसी त्योहार की बारीकी से तिथि और समय निर्धारित किए जाते हैं। व्रत पर्व और त्योहार मनुष्य जीवन में अभिन्न अंग है ऐसे में व्रत पर्व और त्योहार को सही तिथियों में कैसे मनाया जाये इस विषय को सोचते हुए संस्था द्वारा व्रत पर्व सूची सभी सनातनी के घर पहुंचे , जिससे लोग सही तिथि में व्रत और त्योहार मना सकें। यही संस्था का मुख्य उद्देश्य है।
इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्वत महासभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल, संरक्षक शक्ति नाथ बाबा, उपाध्यक्ष आचार्य अरविंद कुमार मिश्र, अखिल भारतीय विद्वत महासभा के ज्योतिष यज्ञ संस्कार समिति के अध्यक्ष डॉ दिग्विजय शुक्ल, आचार्य अनित पांडेय, पं शशांक चतुर्वेदी, मुन्ना गिरि, व्यापार मंडल के सदस्य जितेन्द्र कुमार अग्रहरि, पं वल्लभ प्रताप मिश्र, डॉ आशीष कुमार गुप्ता, एवं काफी संख्या में विद्वतजनों द्वारा अपने अपने विचार व्यक्त किए गए। पं देवेन्द्र प्रताप मिश्र ने कार्यक्रम आए हुए सभी विद्वानों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया।
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