गोरखपुर , रवि गुप्ता
गोरखपुर में आज सेवा समर्पण संस्थान की तरफ से जनजाति गौरव दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व वित्त मंत्री ( केंद्र सरकार,) शिव प्रताप शुक्ला उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मनीराम , अतुल सर्राफ , डॉक्टर रितेश गोयल और डॉक्टर राम सरन ने संस्था के विषय में लोगों को बताया और अपने अपने सामर्थ्य अनुसार इसे आगे बढ़ाने के लिए लोगों से अपील की ।
सेवा समर्पण संस्थान के बारे में संक्षेप में आपको बताते चलें की सेवा समर्पण संस्थान की स्थापना सन 1952 में बालासाहेब देशपांडे ने अपने सहयोगियों के साथ से की थी, जिसमें जसपुर के महाराज ने सक्रिय योगदान दिया था । इस संस्थान के द्वारा जसपुर में वनवासियों के बच्चों के लिए छात्रावास और पाठशाला खोला गया था । इसके बाद देश के विभिन्न भागों में छात्रावास और स्कूल खोलने का सिलसिला शुरू हो गया ।
इन छात्रावासों में आदिवासी समाज के बच्चो को पढ़ाया लिखाया जाता है और जिस क्षेत्र में वे अपना विकास करना चाहते हैं, उसके लिए भरपूर सहयोग किया जाता है ।
वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित यह आवासीय विद्यालय और छात्रावास केवल उपाधि प्रदान करने वाले शिक्षा के केंद्र नहीं है बल्कि यहां वनवासी बालकों में हिंदू आदर्शों का पाठ भी पढ़ाया जाता है । खेलकूद की प्रतियोगिताएं भी समय-समय पर आयोजित की जाती रही है जिसमें तीरंदाजी तथा भाला फेंकने में बनवासी लड़के निपुण रहते हैं । छात्रावास में रहने वाले कई बालक राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं । यह बच्चे देश और अपने समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनते हैं ।
कार्यक्रम में एक ओर आदिवासी बच्चों द्वारा आज तेजी से बढ़ रहे फेसबुक, व्हाट्सएप, टि्वटर आदि के प्रचलन से होने वाले दुष्परिणामों को एक नाटक के रूप में प्रस्तुत किया गया वहीं दूसरी ओर आदिवासी बच्चों ने अपने पारंपरिक नृत्य से लोगों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम समाप्त होने पर कार्यक्रम में सम्मिलित लगभग 500 लोगों ने प्रसाद स्वरूप भोजन ग्रहण किया और यह संकल्प लिया कि वह लोग अपने अपने स्तर से आदिवासी बच्चों को जीवन सुधारने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे ।
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